शायरी शायरी – 17 5 Feb 201911 Feb 2019 अपनाया खूबियों को ही कमियों को नजरंदाज किया पास आए तो नजर आया मंजर ख्वाबों के परे पाया फिर कौन कहे और सहे उल्फत गर प्रीत वो थी तो गम…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 13 24 Jan 20198 Apr 2019 एक प्रेमी की व्यथा कल तक जिनकी जान थे हम अब भूल गए पहचान मेरी कल तक जो मरते थे हम पर अब भूल गए वो शान मेरी जिनके दिन…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 8 19 Jan 201919 Jan 2019 सपना या हकीकत एक रोज चला मैं सड़कों पर सोचा कि ले लूं स्वास्थ्य लाभ निश्चिंत चपल उत्साह युक्त कदमों की थी एक नियत चाल थी सोच बने ये दिनचर्या…