शायरी शायरी – 39 18 Nov 201918 Nov 2019 हूं मैं कातिल दिलों का, मुकद्दस नहींपर दिलों में सभी के ही बसता हूं मैंहै फसाना ये दिल का, खबर है मुझेफिर भी दिल की ग़ज़ल आज लिखता हूं मैं…
शायरी शायरी – 38 29 Oct 201929 Oct 2019 ग़म की सूरत भी जिनकी नजर में नहींसोचते हैं कि इतना क्यों हंसता हूं मैंजिनको भावों की दिल के कदर ही नहींसोचते हैं कि इतना क्यों सस्ता हूं मैंजिनकी नजरें…
शायरी शायरी – 36 26 Sep 201926 Sep 2019 नहीं याद दिलाना पड़ता कि, मैं वही पुराना साथी हूंबस आहट और आवाज इन्हें, बरबस करीब ले आती हैहै चंद पलों का साथ, पुनः एक दूरी खड़ी महीनों कीजब भी…