कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 21 20 Feb 2019 घर खो गया है जीवन की आपाधापी में, ख्वाहिश के तंग गलीचों में, सब कुछ पाने के सपनों में, ईमान कहीं सो गया है सच ही कहते हैं दुनिया वाले,…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 20 16 Feb 2019 एहसासों का "आलिंगन" दुनिया का सब सुख फीका है, सब कुछ होता लघुप्राय जहां जो जननी का ही आंचल है, पाया सबने था प्राण जहां ढोती नौ मास, सहे हर…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 16 2 Feb 201911 Feb 2019 कहीं एक पंक्ति पढ़ा था, "कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई।" पंक्ति क्या, एक पूरी कविता ही थी जिसकी अंतिम पंक्ति है, "मैं जिंदगी हूँ पगले, तुझे जीना सिखा…
शायरी शायरी – 16 2 Feb 201911 Feb 2019 रहगुजर में मिल ही जाता है एक हमसफ़र फर्क बस ये है कि तुमने खुद के लिए क्या चुना
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 14 26 Jan 201930 Mar 2019 गणतंत्र दिवस और मेरा देश जब नींद खुली अल सुबह आज, तब देखा एक नया प्रभात सारे चेहरे खुशहाल दिखे, तब सोच में पड़ गया क्या है आज लड़ते, भिड़ते,…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 11 22 Jan 20198 Apr 2019 मेरी लेखन यात्रा एक बात कभी पूछी उसने कि कौन प्रेरणा देता है है प्रेरणा कोई सखी तेरी या राज है कोई छुपा हुआ आखिर तू कैसे लिखता है, कविता…