कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 50 27 Sep 2020 बेटियां नहीं आएंगी कुछ कर्म करो खुद जीने कोसोने से थाली में रोटियां नहीं आएंगीअब सोच बदल लो यथासमयडरने से कदम में चोटियां नहीं आएंगी बेटों, पैसों की है चाह…