बातें - मेरी और आपकी… Happy Birthday “Albela Darpan”😊 12 Jan 202112 Jan 2021 अत्यंत हर्ष का विषय है कि आज "अलबेला दर्पण" ने अपनी स्थापना के 2 वर्ष पूर्ण कर लिया है। 2019 में "अलबेला दर्पण" की स्थापना के समय एक संशय था…
बातें - मेरी और आपकी HAPPY BIRTHDAY “ALBELA DARPAN” 12 Jan 202022 Mar 2020 With immense pleasure, We are here to inform that this platform has completed its one year today. Since Its inception on 12 January 2019, it has achieved many gems in…
शायरी शायरी – 38 29 Oct 201929 Oct 2019 ग़म की सूरत भी जिनकी नजर में नहींसोचते हैं कि इतना क्यों हंसता हूं मैंजिनको भावों की दिल के कदर ही नहींसोचते हैं कि इतना क्यों सस्ता हूं मैंजिनकी नजरें…
बातें - मेरी और आपकी… बातें – मेरी और आपकी – 13 10 Oct 201910 Oct 2019 पर्यटन पर्व 2019 जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पिछले 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाई गई। वर्ष 2019 स्वच्छता अभियान के मामले में भारत…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 37 4 Oct 20194 Oct 2019 बस जी ही तो रहे हैं लाखों उदास चेहरे, चुपचाप ताकते हैं हैं भीड़ में अकेले, हमराह चाहते हैं नहीं याद मुस्कुराना, कब खुल के खुद हंसे थे जीनी थी…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 36 2 Oct 20192 Oct 2019 सस्ता पानी या महंगी सोच ? कल नई दिल्ली में एक भोजनालय में विजिट के दौरान हम लोगों ने देखा कि उस भोजनालय का एक कर्मी पानी की एक मोटी…
कविता/poetry… बातें – मेरी और आपकी – 12 29 Sep 201929 Sep 2019 My Pen Anniversary (Poetry) वैसे तो लिखने का शौक मुझे बचपन से ही रहा है लेकिन कविता लिखने का सबसे पहला प्रयोग मैंने पिछले साल आज के ही दिन प्रारंभ…
Photography Photography Series – 35 23 Sep 201923 Sep 2019 Colours of Incredible India - 2 बादलों की छाया में कनॉट प्लेस
बातें - मेरी और आपकी बातें – मेरी और आपकी – 10 19 Sep 201919 Sep 2019 200+ Followers on WordPress Hello Everyone I'm here tonight to convey my regards to 201 splendid friends who showered their unconditional love and support on Albela Darpan along with 18…
शायरी शायरी – 35 16 Sep 201919 Jan 2020 एक गर्म दुपहरी छांव रहित, प्यासा पथिक और धूप कठिनजलती काली सड़कों पर कहां, मिलते पानी और छांव कहींसब कुछ कृत्रिम घर के अंदर, बाहर की हवा के शत्रु घनेजब…
Photography Photography Series – 34 12 Sep 201912 Sep 2019 Colours of Incredible India - 1 साधना में लीन साधक
बातें - मेरी और आपकी बातें – मेरी और आपकी – 7 28 Aug 201928 Aug 2019 New Tab Introduced Hello everyone I've noticed that our beloved readers were finding it difficult to contact us to share their feeling or some useful suggestions. Although, they kept me…
बातें - मेरी और आपकी बातें – मेरी और आपकी – 4 28 Jul 201928 Jul 2019 अलबेला दर्पण by Arun अर्पण की स्थापना को आज 198 दिन हो चुके हैं। अब तक के साथ में आप सभी का अतुलनीय सहयोग और प्यार मिलता रहा है जिसने…
शायरी शायरी – 21 21 Feb 2019 जीवन भर परिवार और समाज की उम्मीदों को उठाने वाले लोग जब चौथेपन की तरफ बढ़ते हैं तो अक्सर ही उन्हें रेगिस्तान के सूखे पेड़ की तरह उनके हाल पर…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 21 20 Feb 2019 घर खो गया है जीवन की आपाधापी में, ख्वाहिश के तंग गलीचों में, सब कुछ पाने के सपनों में, ईमान कहीं सो गया है सच ही कहते हैं दुनिया वाले,…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 19 14 Feb 2019 ये कैसा वेलेंटाइन आज सुबह से ही हर जगह वेलेंटाइन डे की धूम मची हुई है। शादीशुदा लोग खुलेआम वेलेंटाइन मना रहे हैं तो कुछ अन्य छुप कर या ऑनलाइन…
Photography Photography Series – 18 11 Feb 201911 Feb 2019 Life : 🐦 Birds or boat ⛵ प्रयागराज में अपने कुंभ भ्रमण के दौरान त्रिवेणी संगम के पावन तट पर दर्शनीय यह दृश्य कहीं न कहीं जीवन की एक सच्चाई…
Celebrations Happy Vasant Panchmi वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं 10 Feb 201910 Feb 2019 Vasant Panchmi has a very special place in my life. We celebrate it as a day devoted to Goddess Saraswati, Goddess of all types of arts, literature, music, knowledge, intellectuality…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 18 10 Feb 201911 Feb 2019 ये कैसा प्रेम आज मैं एक ऐसे विषय के साथ उपस्थित हुआ हूं जो आप सबने अपने जीवन में कहीं न कहीं महसूस जरूर किया होगा। आजकल प्रेमिजनों के प्रेम…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 18 8 Feb 201911 Feb 2019 प्रोपोज डे और कल्लू का दर्द चहुं ओर लालिमा सूरज की, भई भोर और मैं हुआ विभोर होके निवृत्त नित कामों से, मैं निकल पड़ा ऑफिस की ओर कुछ दूर…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 16 2 Feb 201911 Feb 2019 कहीं एक पंक्ति पढ़ा था, "कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई।" पंक्ति क्या, एक पूरी कविता ही थी जिसकी अंतिम पंक्ति है, "मैं जिंदगी हूँ पगले, तुझे जीना सिखा…