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अलबेला दर्पण

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अलबेला दर्पण – साहित्य का संगम

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Tag: शायरी

शायरी

शायरी – 49

9 Nov 20209 Nov 2020
यादें तपिश भी है मगर ठंडक मिले जिनसे मोहब्बत कीये यादें बर्फ और अग्नि की युति की ही कहानी हैं © Arun अर्पण
शायरी

शायरी – 48

2 Sep 2020
अर्पण यारी नाग की, भली जो चाहो मौतप्रेम प्रहार समान हैं, चुंबन में भी खोट © Arun अर्पण
शायरी

शायरी – 45

13 Jun 2020
अरमान बुझी स्याही जब कागज पर उड़ेल दी जाती हैदिल के तूफान को जब शब्दों की पतवार मिल जाती हैदुनिया के आडंबर को जब कलम आईना दिखाती हैशब्दों की डोर…
शायरी

शायरी – 43

15 May 2020
पथ कंटकों से पुष्प चुनने का ख्याल अच्छा हैदो पल सुकून के लिए थोड़ा बवाल अच्छा हैवापस संभलने के लिए खुद से सवाल अच्छा हैअस्तित्व की तलाश में थोड़ा मलाल…
शायरी

शायरी – 42

4 May 20204 May 2020
वो निकल पड़ते हैं अंधी राह पर खामोश मगन होकेइश्क़ ही जब जहर से हो तो मरने से कब तक रोकें © Arun अर्पण
शायरी

शायरी – 41

15 Mar 2020
सच्चाई है कि उम्मीद अगले पल की भी नहींऔर वो कहते हैं कि उम्मीद पर दुनिया कायम है © Arun अर्पण
शायरी

शायरी – 40

18 Dec 201918 Dec 2019
अक्सर ही देर हो जाती है जब भाव दिलों पर हावी हो, अक्सर ही देर हो जाती हैजब एकतरफा अहसास मिले, अक्सर ही देर हो जाती हैसंवाद की राह दिखे…
शायरी

शायरी – 38

29 Oct 201929 Oct 2019
ग़म की सूरत भी जिनकी नजर में नहींसोचते हैं कि इतना क्यों हंसता हूं मैंजिनको भावों की दिल के कदर ही नहींसोचते हैं कि इतना क्यों सस्ता हूं मैंजिनकी नजरें…
शायरी

शायरी – 37

7 Oct 20197 Oct 2019
एक यही अदा तो सीखा है नदी के बहाव सेअपनी रौ में बहना और किनारों की परवाह न करना © अरुण अर्पण Image credit - Google images
शायरी

शायरी – 35

16 Sep 201919 Jan 2020
एक गर्म दुपहरी छांव रहित, प्यासा पथिक और धूप कठिनजलती काली सड़कों पर कहां, मिलते पानी और छांव कहींसब कुछ कृत्रिम घर के अंदर, बाहर की हवा के शत्रु घनेजब…
शायरी

शायरी – 34

9 Sep 20199 Sep 2019
प्रेम की बारिश में कुछ दिन से ओले जैसी बात थीसब कुछ ठीक मगर फिर भी क्यों अश्कों की बरसात थीउनको फिकर जमाने की और ख्वाहिश दुनिया के राज कीहमारी…
शायरी

शायरी – 33

25 Aug 201925 Aug 2019
थक गया हूं इन समझदारियों से अब थोड़ी मनमानियां तो करने दो थक गया हूं सबको खुश कर कर के अब थोड़ी शैतानियां तो करने दो ढूंढता हूं फिर से…
शायरी

शायरी – 25

3 Apr 20192 Apr 2019
वक़्त की चाल को रोकने की कोशिश न कर ये वो दरिया है जिसका कोई समंदर नहीं वक्त के घोड़े पर सवार हो जीत ले सारा जहां पीछा न कर,…
शायरी

शायरी – 22

25 Feb 201925 Feb 2019
फना करके निग़ाहों को, चिरागों को करे रोशन जला करके खुदी का घर, सजाए गैर का गुलशन जमाने में वफ़ा की ये, अदा, जाने कहां की है कहें अपना, दिखें…
शायरी

शायरी – 21

21 Feb 2019
जीवन भर परिवार और समाज की उम्मीदों को उठाने वाले लोग जब चौथेपन की तरफ बढ़ते हैं तो अक्सर ही उन्हें रेगिस्तान के सूखे पेड़ की तरह उनके हाल पर…
शायरी

शायरी – 20

17 Feb 2019
हर पल बदलती दुनिया में हो रहे नित नए अनुभवों और मजबूरी की मुस्कान के पीछे दर्द की उपस्थिति। आखिर कौन सी दुनिया में जी रहे हैं हम सब? पेश…
शायरी

शायरी – 19

13 Feb 201913 Feb 2019
दुनिया में लगातार पनप रहे अविश्वास और अनवरत जारी विश्वासघात के दौरे नजर पेश हैं चंद पंक्तियां :- खुले ज़ख्मों को मरहम की, नजर देते नहीं हैं अब रगड़ते हैं…
शायरी

शायरी – 17

5 Feb 201911 Feb 2019
अपनाया खूबियों को ही कमियों को नजरंदाज किया पास आए तो नजर आया मंजर ख्वाबों के परे पाया फिर कौन कहे और सहे उल्फत गर प्रीत वो थी तो गम…
शायरी

शायरी – 16

2 Feb 201911 Feb 2019
रहगुजर में मिल ही जाता है एक हमसफ़र फर्क बस ये है कि तुमने खुद के लिए क्या चुना
शायरी

शायरी – 15

29 Jan 201913 Feb 2019
कुमुदिनी संग भ्रमर अक्सर, कहानी रात भर की है चला जाता सुबह होते, किरण का साथ पाने को गुलाबों पर भी मंडराता, मकर रस का वो है प्यासा हमें भाते…
शायरी

शायरी – 14

27 Jan 201930 Mar 2019
हमराह मिला न सफ़र में कोई ना जाने क्या रुसवाई है कल देखोगे मेरे संग काफिला भले आज बहुत तन्हाई है
शायरी

शायरी – 13

24 Jan 20198 Apr 2019
हर इंसान को एक बार गहराई नापनी ही चाहिए फिर चाहे वो समंदर हो या खुद का मन
शायरी

शायरी – 12

23 Jan 20198 Apr 2019
इतना भी न डर दुनिया से, ऐ नादानकि तेरा हम साया भी पराया लगने लगे
शायरी

शायरी – 11

22 Jan 20198 Apr 2019
सारी उम्र ही भूलने और याद करने की कहानी है याद नहीं उनकी आती जो दिल के अंदर रहते हैं गर भूल सके प्रीतम का प्रेम व आंखों की मासूम…

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