शायरी शायरी – 39 18 Nov 201918 Nov 2019 हूं मैं कातिल दिलों का, मुकद्दस नहींपर दिलों में सभी के ही बसता हूं मैंहै फसाना ये दिल का, खबर है मुझेफिर भी दिल की ग़ज़ल आज लिखता हूं मैं…