शायरी शायरी – 50 16 Jan 2021 दिल में भरी थी आग, अंगीठी जला लिएधोखे को आग के लिए ईंधन बना लिएभावों के पतीले में पलीता लगा लिएअनुभव की कड़क चाय से सर्दी भगा लिए © Arun…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 54 12 Dec 2020 प्रेम या दिखावा ..... भले ना हो मेरी सफल एक कहानीदिखावे की लड़ियां मुझे ना सुहातीमुबारक मुझे नफरतों की जवानीरखो बांध अपने दिखावे का हाथीलिखो तुम मुझे गर हो नाता…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 48 3 Aug 2020 आज का रक्षाबंधन बिन बहन के भाई, बात सुनोसूनी हो कलाई तो बात गुनोगाली से बहन को बरी रखोहर ललना में एक बहन लखो भ्राता न सहोदर हो जिसकावो बहन…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 45 4 Jun 20204 Jun 2020 क्या हुआ अगर चले थे ढूंढने इंसानियत गुमनाम राहों मेंदिशाएं स्याह, काले मन, बड़ी संगीन दुनिया थीभले मानुष दिखे अब रेड डाटा बुक के पन्नों परसड़ी बुद्धि, भ्रमित जनता, बड़ी…
शायरी शायरी – 42 4 May 20204 May 2020 वो निकल पड़ते हैं अंधी राह पर खामोश मगन होकेइश्क़ ही जब जहर से हो तो मरने से कब तक रोकें © Arun अर्पण
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 21 20 Feb 2019 घर खो गया है जीवन की आपाधापी में, ख्वाहिश के तंग गलीचों में, सब कुछ पाने के सपनों में, ईमान कहीं सो गया है सच ही कहते हैं दुनिया वाले,…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 18 10 Feb 201911 Feb 2019 ये कैसा प्रेम आज मैं एक ऐसे विषय के साथ उपस्थित हुआ हूं जो आप सबने अपने जीवन में कहीं न कहीं महसूस जरूर किया होगा। आजकल प्रेमिजनों के प्रेम…
शायरी शायरी – 18 9 Feb 201911 Feb 2019 भाई, कल तो कल्लू की प्रेम लीला का जनाजा निकल गया था (पढ़ें काव्य श्रृंखला - 18) लेकिन उसके भतीजे लंपट की अलग ही चिंता है। आज हर जगह चॉकलेट…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 18 8 Feb 201911 Feb 2019 प्रोपोज डे और कल्लू का दर्द चहुं ओर लालिमा सूरज की, भई भोर और मैं हुआ विभोर होके निवृत्त नित कामों से, मैं निकल पड़ा ऑफिस की ओर कुछ दूर…
Photography Photography Series – 16 3 Feb 201911 Feb 2019 ऊंचाई का विश्वास जब कोई पंछी ऊंची उड़ान भरता है तो उसके सबसे बड़े साथी उसकी खुद की हिम्मत और अपनी क्षमता पर अटूट विश्वास ही होते हैं। लक्ष्य बड़ा…
विचार श्रृंखला विचार श्रृंखला – 16 2 Feb 201911 Feb 2019 कहीं एक पंक्ति पढ़ा था, "कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई।" पंक्ति क्या, एक पूरी कविता ही थी जिसकी अंतिम पंक्ति है, "मैं जिंदगी हूँ पगले, तुझे जीना सिखा…