कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 51 1 Oct 2020 आखिर कब तक जलाकर मोमबत्ती और लिख कर पोस्ट लच्छेदारचले जाएंगे वो महलों में करने मौज गद्दों परबची रह जाएगी एक आह मरकर भी कहीं उसकीपुनः घूमेंगे नर के वेश…