कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 54 12 Dec 2020 प्रेम या दिखावा ..... भले ना हो मेरी सफल एक कहानीदिखावे की लड़ियां मुझे ना सुहातीमुबारक मुझे नफरतों की जवानीरखो बांध अपने दिखावे का हाथीलिखो तुम मुझे गर हो नाता…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 44 17 May 2020 दान या दिखावा लड़कर वो खुद शमशीरों सेपत्थर को मकान बनाता हैआजीवन इज्जत को तरसेचुपचाप कहीं मर जाता है देखें हैं लुटेरे अरबों केबंगलों की नींव हैं लाशों परआंखों की…