शायरी शायरी – 44 18 May 2020 चलते रहो सांसों के आखिरी छोर तकरुकने वालों की मंजिल केवल मौत हैसच है कि मरना है हर जन्मे जीव कोलेकिन घुटकर मरना भी कोई मौत है ? © Arun…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 38 27 Oct 201927 Oct 2019 एक दिवाली ऐसी भी हर साल दीवाली आती है, सब लोग मनाने जाते हैं कुछ छुट्टी पर घर आते हैं, उत्साह से घर को सजाते हैं मचती है धूम रंगोली…