शायरी शायरी – 46 18 Jul 2020 कर्ता भी मैं और करता भी नहींसब कुछ मेरा और कुछ भी नहींसच और नज़रों में है फर्क बहुतसब कुछ मैं हूं और कुछ भी नहीं © Arun अर्पण