प्रेम या दिखावा …..
भले ना हो मेरी सफल एक कहानी
दिखावे की लड़ियां मुझे ना सुहाती
मुबारक मुझे नफरतों की जवानी
रखो बांध अपने दिखावे का हाथी
लिखो तुम मुझे गर हो नाता रूहानी
मुझे अब तुम्हारी ये चुप्पी ना भाती
दिल में मोहब्बत और आंखों में पानी
मुझे नफरतों की वो भाषा ना आती
©Arun अर्पण