कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 54 12 Dec 2020 प्रेम या दिखावा ..... भले ना हो मेरी सफल एक कहानीदिखावे की लड़ियां मुझे ना सुहातीमुबारक मुझे नफरतों की जवानीरखो बांध अपने दिखावे का हाथीलिखो तुम मुझे गर हो नाता…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 53 5 Dec 20205 Dec 2020 ये दुनिया आजकल ....... चलो, दो चार लम्हें प्यार से जी लें मेरे प्यारेये दुनिया जिंदगी में मौत के सपने सजाती हैचलो, लम्हों में जीवन ढूंढकर जी लें मेरे प्यारेये…