मैं केबीसी से बोल रहा हूँ…..
हैल्लो जी, नमस्ते जी, नमस्कार जी
राहुल कुमार बात कर रहा हूं
केबीसी डिपार्टमेंट से बात कर रहा हूं……..
सोचिए, एक सुबह आपकी नींद खुलती है, आप अपना व्हाट्सऐप ऑन करते हैं और आपका स्वागत एक अंजान नंबर से प्राप्त ऑडियो क्लिप से होता है। टूटी फूटी और अशुद्ध हिंदी में रिकॉर्ड की गई यह ऑडियो क्लिप आपको अनायास ही 25 लाख की लॉटरी जीतने की खुशखबरी देती है और आपको लगता है कि आज तो दिन ही बन गया। फिर आप उस ऑडियो क्लिप और उसके साथ प्राप्त फोटो के आधार पर किसी राणा प्रताब सिंह को व्हाट्सऐप कॉल करते हैं और वो शख्स आपसे आपके बैंक एकाउंट से संबंधित जानकारी की मांग करता है। आप 25 लाख के लालच में इतने उत्साही हो जाते हैं कि उसके द्वारा मांगी गई हर जानकारी को सही – सही बताते जाते हैं और इस तरह कब आप एक सुनियोजित विशिंग का हिस्सा बन जाते हैं, आपको पता भी नहीं चलता। आपको 25 लाख न तो मिलने होते हैं और न ही कभी मिलते हैं लेकिन इस चक्कर में आप अपने एकाउंट में जमा अपनी मेहनत की कमाई जरुर गंवा चुके होते हैं।
जी हाँ। आप में से कई लोगों को अपने व्हाट्सऐप पर ऐसे ही किसी संदेश के प्राप्त होने की घटना अवश्य ही याद आ रही होगी। पिछले 10 दिन के अंदर ही मेरे दो करीबी लोगों को इस तरह के संदेश मिल चुके हैं जिनमें से एक ने तो तथाकथित राणा प्रताब सिंह के नंबर पर कॉल भी कर दिया था। हालांकि सही समय पर संदेह होने के कारण उस व्यक्ति ने बैंक एकाउंट डिटेल नहीं बताया और कॉल डिसकनेक्ट करके मुझे सूचना दी जबकि दूसरे शख्स ने तत्काल इस बारे में मुझे बताया। यह मुद्दा एक ऐसा मामला है जिसमें अक्सर लालच कॉमन सेंस पर हावी हो जाता है और व्यक्ति बिना कुछ सोचे समझे 25 लाख जीतने के सपने संजोने लगता है। यह लालच ही विशिंग गैंग की असली ताकत है। अब आइए, इसके कुछ ध्यान देने योग्य पहलुओं पर बात करते हैं–
यह रिकॉर्डिंग और फोटो भेजने के लिए व्हाट्सऐप का इस्तेमाल किया जाता है। इस बात पर विशेष जोर दिया जाता है कि कोई भी संपर्क सिर्फ व्हाट्सऐप कॉल के जरिए ही स्थापित किया जाए। आखिर इसका क्या कारण है? आप लोगों ने जमतारा नामक वेब सीरिज तो देखी ही होगी। इस वेब सीरिज में विशिंग के तमाम पहलुओं को विस्तार से दर्शाया गया है। पहले ऐसे काम अक्सर फोन कॉल, एसएमएस या ईमेल के जरिए किए जाते थे लेकिन पर्याप्त तकनीकी ज्ञान न होने के कारण इन सभी माध्यमों द्वारा किए गए संचार में पकड़े जाने की संभावना बहुत अधिक होती थी। व्हाट्सऐप एक ऐसा माध्यम है जो दो व्यक्तियों के बीच के संचार को एंड टू एंड इंक्रिप्शन का दावा करता है। इसका अर्थ यह है कि संदेश भेजे जाने के बाद से लेकर संदेश प्राप्त होने तक और उसके बाद भी व्हाट्सऐप कंपनी के कर्मचारियों समेत कोई भी उस संचार को पढ़ सकने की स्थिति में नहीं होता। इसके अलावा व्हाट्सऐप कॉल में लोकेशन ट्रेसिंग का भी खतरा कम होता है। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद तमाम टीवी चैनलों पर इस संबंध में इतना पोस्टमॉर्टम किया गया कि तकनीकी रुप से जागरुक नागरिकों के अलावा आपराधिक तत्वों को भी एक संजीवनी सी प्राप्त हो गई। मैं यह नहीं कहता कि सुशांत के केस से ही लोगाें को व्हाट्सऐप के इस फीचर के बारे में पता चला। तकनीकी रुप से जागरुक लोगों को इसके बारे में पहले से भी जानकारी थी लेकिन इस केस के बाद यह जानकारी सार्वजनिक रुप से जन – जन तक पहुंच गई। आम तौर पर व्हाट्सऐप दो व्यक्तियों के बीच हुई बातचीत का कोई भी ब्यौरा सार्वजनिक कर सकने में असमर्थता व्यक्त करता है किंतु राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के कुछ मामलों में व्हाट्सऐप ने विभिन्न सरकारों के साथ यह जानकारी शेयर भी की है। इन सभी तकनीकी जटिलताओं का फायदा उठाने में आपराधिक तत्व भला कहां पीछे रहने वाले थे।
जो फोटो शेयर की जाती है उसे इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि सामान्य समझ का व्यक्ति उसे असली मानकर कॉल कर ही देगा। फोटो में बकायदा अशोक चिह्न, विदेश मंत्रालय के किसी अनुभाग अधिकारी की मुहर, तमाम टेलीकॉम कंपनियों के लोगो, कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम के प्रस्तोता अमिताभ बच्चन की तस्वीर के अलावा भारतीय स्टेट बैंक की किसी महाराष्ट्र स्थित शाखा की मुहर भी दिखाई गई है। हालांकि इस फोटो में ऐसे तमाम सबूत हैं जो यह सिद्ध करने के लिए पर्याप्त हैं कि 100 प्रतिशत असली का दावा करने वाली यह फोटो वास्तव में 200 प्रतिशत फर्जी है।
इस लॉटरी के स्पांसर के नाम पर कौन बनेगा करोड़पति और व्हाट्सऐप का नाम लिया जाता है। सामान्य समझ रखने वाला व्यक्ति भी यह अंदाजा लगा सकता है कि ऐसी लॉटरी का व्यापार करने के पीछे कौन बनेगा करोड़पति के निवेशकों और मार्क जुकरबर्ग को आखिर कौन सा अतिरिक्त व्यावसायिक लाभ मिलने वाला है जो उन्हें उनके सामान्य प्रस्तुति और परिचालन से नहीं प्राप्त हो रहा। किंतु इसका दूसरा पहलू यह भी है कि विशिंग गैंग इन दो नामचीन कंपनियों के नाम पर लोगों का भरोसा जीतने में न सिर्फ कामयाब हो रहा है बल्कि अनेकों लोग अपनी जीवन भर की कमाई भी गंवा चुके हैं। दुखद बात यह है कि धोखाधड़ी के शिकार इन लोगों में अनेकों पढ़े लिखे लोग भी शामिल हैं।
इन अपराधियों का मनोबल इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ऐसे मामले तब तक रिपोर्ट नहीं किए जाते जब तक कोई बड़ी धोखाधड़ी न हो जाए। छोटे मोटे मामले इसलिए छ्पिा लिए जाते है ताकि सार्वजनिक रुप से बदनामी न हो। ऐसे संदेश प्राप्त होना इसलिए रिपोर्ट नहीं किया जाता ताकि पुलिस का चक्कर न लगाना पड़े। और यही पेंचिदगियां अपराधियों के मनोबल को बढ़ाने का काम करती हैं।
आज देश तकनीकी रुप से इतना सक्षम है कि रिपोर्ट किए जाने के बाद संदेश के स्रोत का पता लगाना बहुत मुश्किल नहीं रह गया है किंतु डाटा नियंत्रण के क्षेत्र में कानूनी अड़चनों की वजह से अभी भी आम जनमानस में भरोसे की अतिशय कमी देखी जाती है। आपराधिक तत्व इसी इम्युनिटी का फायदा उठाते हैं और किसी की जीवन भर की कमाई पल भर में साफ कर जाते हैं। जीवन भर पेट काटकर भविष्य के लिए पैसे बचाने वाला शिकार व्यक्ति अचानक मुफलिसी के एक ऐसे दुष्चक्र में उलझ जाता है जिससे बाहर निकल पाना इस जीवन में असंभव सा दिखने लगता है। परेशान होकर कई लाेग आत्महत्या तक कर लेते हैं।
विशिंग एक वित्तीय और सामाजिक अपराध है जो व्यक्ति की सुलभ लालच की भावना का फायदा उठाकर उसे एक अंधेरे भविष्य की खाई में ला पटकता है। अगर आपके पास ऐसी कोई भी कॉल, मैसेज, व्हाट्सऐप मैसेज, ईमेल या किसी भी तरह का अन्य संचार प्राप्त होता है तो उसका उत्तर कभी भी न दें और तत्काल नजदीकी साइबर क्राइम सेल में सारी जानकारी उपलब्ध कराएं। आपका बैंक भी आपसे आपके खाते से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी की मांग नहीं करता इसलिए अपने खाते से संबंधित कोई भी गोपनीय जानकारी किसी के भी साथ शेयर न करें।
याद रखें, इस संसार में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता। कोई अनायास ही आपको बिना कुछ किए 25 लाख रुपए क्यों देगा? इस कार्य से संबंधित संस्था या व्यक्ति को भला क्या लाभ होगा? इसका उत्तर एक ही है – कुछ भी नहीं। और ऐसे मामलों में केबीसी का मतलब कौन बनेगा करोड़पति नहीं होता बल्कि इसका मतलब होता है – कौन बनेगा चु******* बाकी आप लोग खुद ही समझदार हैं।
सावधान रहें। सतर्क रहें। लालच बुरी बला है इसलिए लालच में पड़कर अपने सर्वनाश को आमंत्रित न करें।
धन्यवाद।
© Arun अर्पण
Sahi kaha aapne.
Mere sath bhi ye ho chuka h.
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Oh
बच गई या गंवाया कुछ
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Bach gaye 😂😂
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Good 😂
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Yooo😊🌷
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Very nice..
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Thanks
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Asia bahut log face kar rahe hain.
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जी हां
और ये लगातार बढ़ते जा रहे हैं
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True.. meta blog hi visit kariye. Aapki Shayari bahut achi hai
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जी जरूर
Thanks for your appreciation 😊
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