कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 47 25 Jul 2020 बुरा भी मानता हूं क्या तुम अक्सर पूछते हो मैं बुरा भी मानता हूं क्यासदा निश्छल सा दिखता हूं कि लड़ना जानता हूं क्यामैं दुनिया की नजर से खुद की…
शायरी शायरी – 46 18 Jul 2020 कर्ता भी मैं और करता भी नहींसब कुछ मेरा और कुछ भी नहींसच और नज़रों में है फर्क बहुतसब कुछ मैं हूं और कुछ भी नहीं © Arun अर्पण