कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 46 28 Jun 2020 ग्रहण लग जाता है जब तात हों साथ सबल सुत हैंहरि धाम लगे वो कुटी जर्जरबिन जान सदा विचरे बिन तातअब काटन को दौड़ाए महल सम्मुख न दिखे अश्रु की…
शायरी शायरी – 45 13 Jun 2020 अरमान बुझी स्याही जब कागज पर उड़ेल दी जाती हैदिल के तूफान को जब शब्दों की पतवार मिल जाती हैदुनिया के आडंबर को जब कलम आईना दिखाती हैशब्दों की डोर…
कविता/poetry काव्य श्रृंखला – 45 4 Jun 20204 Jun 2020 क्या हुआ अगर चले थे ढूंढने इंसानियत गुमनाम राहों मेंदिशाएं स्याह, काले मन, बड़ी संगीन दुनिया थीभले मानुष दिखे अब रेड डाटा बुक के पन्नों परसड़ी बुद्धि, भ्रमित जनता, बड़ी…