बेटियां
मां – बाप की हैं जान और सम्मान बेटियां
छूती हैं आसमान, हैं पहचान बेटियां
बेटों की चाह मौत के उस पार है खड़ी
जीते हुए जो तार दे, वो वरदान बेटियां
हो कष्ट कोई भी मगर बन ढाल हैं खड़ी
हर कष्ट को हरने को हैं तैयार बेटियां
बेटों के पास वक्त का है खूब बहाना
रफ़्तार रोकें वक्त की, वो काल बेटियां
उनके जन्म पर शोक भी कुछ लोग मनाते
कुछ गर्भ में ही काल को बलिदान चढ़ाते
चौथे समय में रोग जब डालें हैं बेड़ियां
रोते हुए तब याद बस आती हैं बेटियां
घर में बहन को बोझ समझते हैं कुछ धनी
बस बांध खूंटे से कहे चलो भार ये टली
करता समय प्रहार जब मिलती न रोटियां
फंसते भंवर में याद तब आती हैं बेटियां
शुरुवात से जीवन के दर्द लाख हैं सहे
उलझन उपेक्षा और हर उपहास बेटियां
हर दर्द को दे मात हर कदम पर साथ हैं
खुद्दार हैं पर रिश्तों पर कुर्बान बेटियां
कुछ लोग इनको ब्याह की खातिर हैं पढ़ाते
सपनों को कस के डोर से लगाम लगाते
स्कूल छोटा ही सही, हैं समझदार बेटियां
अपने हुनर से देती हर जवाब बेटियां
सम्मान, संस्कार की मूरत बनी फिरें
सूरत पर लाख सीरतों का जाल नित सहें
करतीं समय के साथ कदमताल बेटियां
नज़रें झुकी पर गर्व की हकदार बेटियां
इनसे सभी सम्मान की उम्मीद सब करें
पत्थर नहीं, प्रकृति की हैं वरदान बेटियां
गर चाहिए सम्मान तो देना भी सीख लो
दुनिया के हर सम्मान की हकदार बेटियां
© अरुण अर्पण

बहुत सुंदर लिखा सर जी👌
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बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
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स्वागतम🙏😊
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कितनी सुंदर कविता! शब्द नही मेरे पास। वाकई शानदार। लाजवाब लिखा है।👌👌
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बहुत बहुत धन्यवाद 😊🙏
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Bahut badhiya 👌
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बहुत बहुत धन्यवाद 🙏😊
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स्वागतम 😊👍
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Thanks you so much
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Gratitude ma’am
इसी विषय पर मैंने आपकी भी एक शानदार कविता पढ़ी
बहुत सुंदर लिखा है आपने
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Bhut bhut dhanyawad
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Beautiful topic and beautiful verses 🌸
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Thank you so much 😊
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