- मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019
- तीन तलाक की प्रथा पर प्रतिबंध संबंधी विधेयक
- विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद राज्यसभा में विधेयक 99-84 से पारित हो गया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है
- विधेयक के प्रमुख तत्व –
- तत्काल तीन तलाक कानूनी अपराध
- तत्काल तीन तलाक देने वाले पति को अधिकतम तीन साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान
- पीड़िता या परिवार के अन्य सदस्य भी थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करा सकेंगे
- एफआईआर दर्ज होने के बाद बिना वारंट गिरफ्तारी का प्रावधान
- पुलिस को जमानत देने का अधिकार नहीं
- मजिस्ट्रेट पत्नी का पक्ष जानने के बाद जमानत दे सकते हैं
- मजिस्ट्रेट को दोनों के बीच सुलह कराकर शादी बरकरार रखने का अधिकार
- अदालत का फैसला होने तक बच्चा मां के संरक्षण में रहेगा। इस दौरान पति को पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा
- मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रॉनिक या अन्य किसी भी विधि से तीन तलाक की उद्घोषणा शून्य और अवैध होगी
- पड़ोसी या कोई अनजान शख्स केस नहीं दर्ज करा सकता
- पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत 19 इस्लामिक देशों में तीन तलाक गैरकानूनी है
- तीन नए एक्सोप्लैनेट की खोज
- एक्सोप्लेनेट ऐसे ग्रह होते हैं जो हमारे सौरमंडल के बाहर स्थित हैं और किसी तारे के चारों ओर घूमते रहते हैं
- नासा के सैटलाइट की मदद से पृथ्वी से 73 प्रकाश वर्ष दूर स्थित तीन एक्सोप्लेनेट की खोज
- नेचर एस्ट्रोनॉमी नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन
- इनमें से एक ग्रह चट्टानी और पृथ्वी से थोड़ा बड़ा है जबकि दो अन्य गैसीय और पृथ्वी के आकार के दोगुने हैं
- अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, रिवरसाइड के शोधकर्ताओं के अनुसार नासा की हंटिंग सैटेलाइट से खोजी गई तारों की TESS object of interest या TOI-270 नामक प्रणाली बिल्कुल वैसी ही है जैसी transiting exoplanet survey satellite (TESS) को खोजने के लिए डिजाइन की गई थी
- वैज्ञानिकों के अनुसार अपने तारे से बहुत अधिक दूरी के कारण ये ग्रह रहने के लिए अनुकूल हो सकते हैं
- तारों की गर्मी से यहां के महासागरों में पानी तरल रूप में मिल सकता है और TOI-270 तारे के पास स्थित होने के कारण ये ग्रह चमकीले दिखते हैं
- अनुमान से कहीं ज्यादा है चांद की आयु
- नए अध्ययन के मुताबिक सौर प्रणाली के अस्तित्व में आने के करीब पांच करोड़ साल बाद चांद बना था
- पुराने अध्ययन के मुताबिक यह अवधि 15 करोड़ साल बाद की थी
- जर्मनी के कोलोन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का नेचर साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन
- सौर प्रणाली का निर्माण लगभग 4.56 अरब साल पहले हुआ
- अपोलो मिशन के दौरान चांद से एकत्र किए गए नमूनों के रासायनिक संयोजन के विश्लेषण के आधार पर चांद की आयु का आकलन किया गया
- चांद की आयु का पता लगाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पृथ्वी की आयु और विकासक्रम का अध्ययन करने में मदद मिल सकती है
- प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों से लड़ने का नया हथियार
- साइंस एडवांसेज नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसे पेप्टाइड का पता लगाया है जो दवा प्रतिरोधी एसिनेटोबैक्टर बाउमानी बैक्टीरिया से लडने में मददगार हो सकता है
- अमीनो एसिड की छोटी श्रृंखलाओं को पेप्टाइड कहा जाता है। कई पेप्टाइड मिलकर प्रोटीन का गठन करते हैं
- पेप्टाइड के बारे में अब तक उपलब्ध जानकारी के उपयोग से भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलौर के शोधकर्ताओं ने ओमेगा – 76 नामक इस नए पेप्टाइड को कंप्यूटर एल्गोरिथम की मदद से डिजाइन किया है
- यह सुक्ष्मरोधी पेप्टाइड बैक्टीरिया की कोशिका झिल्ली को भेदकर उसे मार सकता है
- संक्रमित चूहों पर यह असरदार पाया गया और उसकी लम्बी खुराक के कोई साइड इफेक्ट नहीं देखे गए
- एसिनेटोबैक्टर बाउमानी अस्पतालों में अधिकांश संक्रमणों के लिए जिम्मेदार 6 प्रमुख सूक्ष्मजीव प्रजातियों में से एक है
साभार – दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 31 जुलाई 2019