- चंद्रयान – 2 का सफल प्रक्षेपण
- 1443 बजे चंद्रयान के साथ रवाना हुआ जीएसएलवी मार्क 3 रॉकेट (बाहुबली)
- 16 मिनट 23 सेकेंड के बाद पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित
- लैंडिंग के 6 चरण –
- श्रीहरिकोटा से उड़ान
- यान दो चरणों में अलग होगा
- चंद्रयान – 2 मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश से पूर्व धरती की कक्षा में परिक्रमा करता रहेगा
- चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश
- ऑर्बिटर से अलग होंगे लैंडर – रोवर
- चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग
- कैसा होगा सफर –
- 1 से 23 दिन तक – पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा
- 23वें दिन – चंद्रमा की तरफ रवानगी
- 23 से 30 दिन तक – चंद्रमा के सफर पर
- 30वें दिन – चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश
- 30 से 42 दिन तक – चन्द्रमा की कक्षा में परिक्रमा
- 43वें दिन – लैंडर – ऑर्बिटर का अलगाव
- 44वें दिन – रफ्तार धीमी करने की प्रक्रिया शुरू
- 48वें दिन – नियंत्रित लैंडिंग की प्रक्रिया
- 48वें दिन ही लैंडिंग करा दी जाएगी
- मिशन का महत्व –
- दुनिया के लिए – पृथ्वी के निर्माण क्रम से लेकर हमारे सौरमंडल को समझने का रास्ता खुलेगा
- भारत के लिए – चंद्रमा पर यान उतारने का गौरव हासिल कर बनेगा महाशक्ति
- इसरो के लिए – अपनी मेधा और क्षमता को साबित करने का मौका
- मिशन का उद्देश्य –
- ऑर्बिटर साल भर तक चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए विभिन्न प्रयोगों को अंजाम देगा
- लैंडर और रोवर चंद्रमा की सतह पर 14 दिन तक प्रयोग करेंगे
- वैज्ञानिक लक्ष्य –
- चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझना
- चंद्रमा की जमीन में खनिजों और ध्रुवीय क्षेत्र का मैप तैयार करना
- बर्फ के रूप में मौजूद पानी के साक्ष्यों की पुष्टि करना
- जमीन की उपरी सतह और वायुमंडल का अध्ययन करना
- तकनीकी लक्ष्य –
- चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बनना
- निधन
- यूकिया अमानो का 72 साल की आयु में निधन
- अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख
- पीटर मैकनामारा का 64 साल की आयु में निधन
- ऑस्ट्रेलिया के पूर्व डेविस कप टेनिस स्टार और विंबलडन डबल्स चैंपियन
- यूकिया अमानो का 72 साल की आयु में निधन
- मांसाहार के नाम पर एंटीबायोटिक का सेवन
- विश्व के 10 प्रमुख देशों में जहां पशुपालन केंद्रों में सर्वाधिक एंटीबायोटिक का उपयोग किया जाता है, भारत चौथे स्थान पर है
- पशुओं और मुर्गियों में रोग संरक्षण और उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से एहतियात के तौर पर चारे के साथ एंटीबायोटिक दिया जाता है
- साइंस जर्नल की एक रिपोर्ट –
- भारत में 2013 में ढाई हजार टन से अधिक एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग पशु चारा उत्पादन में हुआ था
- नियामकीय निगरानी में सुधार न होने की स्थिति में वर्ष 2030 तक यह प्रयोग 82 प्रतिशत तक बढ़कर साढ़े चार हजार टन तक पहुंच जाएगा
- स्वास्थ्य पर कुप्रभाव –
- मांसाहार के जरिए शरीर में इतनी ज्यादा एंटीबायोटिक जा रही है कि कई रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है।
- अगर यह प्रयोग ऐसे ही चलता रहा तो इसके नतीजे गंभीर और दीर्घकालिक होंगे
- एक आंकड़े के मुताबिक ग्रामीण भारत में चिकन, मटन, बीफ और पोर्क की खपत वर्ष 2004 के मुकाबले वर्ष 2011 में दोगुनी हो गई
- ग्रामीण इलाकों में प्रति माह प्रति व्यक्ति खपत 0.13 किलो से बढ़कर 0.27 किलो हो गई
- शहरी इलाकों में यह मात्रा 0.22 किलो से बढ़कर 0.39 किलो तक पहुंच गई
- यह आंकड़े देश की कुल आबादी के अनुपात में हैं। अगर केवल मांसाहारियों का अनुपात निकाला जाए तो यह आंकड़ा कहीं और अधिक होगा।
- विश्व के 10 प्रमुख देशों में जहां पशुपालन केंद्रों में सर्वाधिक एंटीबायोटिक का उपयोग किया जाता है, भारत चौथे स्थान पर है
- 2024 में चंद्रमा पर पहली महिला अंतरिक्ष यात्री
- नासा के आर्टिमिस कार्यक्रम के तहत सबसे पहले चंद्रमा की सतह पर एक महिला को उतारा जाएगा और उसके बाद कोई पुरुष चंद्रमा की सतह पर कदम रखेगा
- आर्टिमिस का नाम अपोलो की जुड़वा बहन के नाम पर रखा गया है। इसे चंद्रमा की देवी भी माना जाता है
- नासा के आर्टिमिस कार्यक्रम के तहत सबसे पहले चंद्रमा की सतह पर एक महिला को उतारा जाएगा और उसके बाद कोई पुरुष चंद्रमा की सतह पर कदम रखेगा
साभार – दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 23 जुलाई 2019