- केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को ठहराया असंवैधानिक
- 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने के आदेश को वापस लेने का निर्देश
- संविधान के अनुच्छेद 341 की उपधारा (2) के अनुसार इस प्रकार के फैसले लेने का हक सिर्फ संसद को है और राज्य सरकार एक निश्चित प्रक्रिया के तहत प्रस्ताव भेज सकती है
- यहां तक कि राष्ट्रपति के पास भी जातियों को एक वर्ग से दूसरे वर्ग में स्थानांतरित करने का अधिकार नहीं है
- राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अनुसूचित जाति के तहत इन जातियों को जारी प्रमाण पत्र वैध नहीं हैं
- इस मामले पर विस्तृत जानकारी हेतु पढ़ें सामयिकी का 30 जून का अंक
- भारत को नाटो सहयोगी जैसा दर्जा देने जा रहा है अमेरिका
- अमेरिकी सीनेट में भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने का कानून पारित
- इस कानून के पारित होने के बाद भारत का दर्जा नाटो सहयोगियाें और इजरायल तथा दक्षिण कोरिया जैसा हो जाएगा
- दिल्ली तथा विजयवाड़ा में पहले आधार सेवा केंद्र की शुरुआत
- UIDAI के अधीन कार्य करेंगे
- इस साल के अंत तक ऐसे 114 केंद्रों के स्थापना की योजना
- इन केंद्रों पर आधार पंजीयन तथा सूचनाओं में परिवर्तन आदि कार्य किए जाएंगे
- इन केंद्रों के अलावा बैंक, पोस्टऑफिस और अन्य सरकारी परिसरों में संचालित हजारों आधार केंद्रों पर भी काम जारी रहेगा
- Inner Line Permit अनिवार्यता के खिलाफ अर्जी खारिज
- प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि वे इस मामले पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं
- पीठ जब अपना काम समाप्त करके उठ रही थी तो याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस लेने तथा सक्षम मंत्रालय में प्रतिवेदन करने की अनुमति मांगी लेकिन पीठ ने ऐसा करने से इंकार कर दिया
- इस मामले पर विस्तृत जानकारी हेतु पढ़ें सामयिकी का 24 जून का अंक
- फूलों की घाटी
- विश्व धरोहर में शामिल फूलों की घाटी अपनी जैव विविधता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है
- यह दुनिया की इकलौती ऐसी जगह है जहां प्राकृतिक रुप से 500 से ज्यादा प्रजाति के फूल खिलते हैं
- इसके अलावा भी यहां कई प्रकार की दुर्लभ जड़ी बूटियां पाई जाती हैं
- उत्तराखंड के चमोली जिले में 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली यह घाटी पॉलीगोनम (65 हेक्टयर) और ब्राउन फर्न (35 हेक्टेयर) के विस्तार की वजह से चर्चा में है जिनकी वजह से अनेकों दुर्लभ प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में है। हालांकि अब तक 15 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पॉलीगोनम को हटाया जा चुका है।
- फेसबुक की “लिब्रा”
- लिब्रा फेसबुक की डिजिटल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) है। यह सार्वभौमिक, स्थायी और आसानी से लोगों और कारोबार के बीच स्थानांतरित हो सकने वाली मुद्रा है। इसके लिए स्थायी पेमेंट नेटवर्क की जरुरत नहीं पड़ेगी तथा इस दिशा में अनेकों कंपनियां फेसबुक से जुड़ चुकी हैं
- क्या है क्रिप्टो करेंसी
- क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है। यह एक कंप्यूटर मोड से दूसरे कंप्यूटर मोड को दी जा सकती है। इसे आभासी मुद्रा कहा जा सकता है क्योंकि इसे साक्षात नहीं देखा जा सकता है
- क्या है क्रिप्टो करेंसी
- एक देश से दूसरे देश में जाने पर करेंसी बदलने की जरुरत नहीं रहेगी
- यह एम पैसा, भीम, मास्टर और वीसा कार्ड की तरह ही व्यक्ति से व्यक्ति पेमेंट करेगा
- यह मोबाइल पेमेंट की तरह ही काम करेगा और लोगों को बैंक जाने की जरुरत नहीं रहेगी
- इस करेंसी का सबसे बड़ा मसला भुगतान शुल्क है जिसे विश्व बैंक को तय करना है। विदेश से आने वाली रकम की विनिमय का औसत शुल्क सात से दस प्रतिशत है हालांकि फेसबुक का दावा है कि इससे लेनदेन का शुल्क न के बराबर होगा
- इस करेंसी की वैधानिकता पर सवालिया निशान कायम हैं क्योंकि केवल गिनती के कुछ देशों के अलावा किसी भी अन्य देश ने क्रिप्टो करेंसी को कानूनी मान्यता नहीं दी है। हालांकि फेसबुक को अपने बड़े प्लेटफॉर्म और ब्रांड का भरोसा है
- लिब्रा फेसबुक की डिजिटल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) है। यह सार्वभौमिक, स्थायी और आसानी से लोगों और कारोबार के बीच स्थानांतरित हो सकने वाली मुद्रा है। इसके लिए स्थायी पेमेंट नेटवर्क की जरुरत नहीं पड़ेगी तथा इस दिशा में अनेकों कंपनियां फेसबुक से जुड़ चुकी हैं
- दुनिया भर में अब का सबसे गर्म महीना रहा जून
- यूरोपियन यूनियन की कॉपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा द्वारा ली गई वैश्विक रीडिंग के अनुसार यूरोप का तापमान सामान्य से करीब दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया और वैश्विक रुप से पृथ्वी का तापमान जून के पिछले रिकॉर्ड से 0.1 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया।सहारा से लेकर यूरोप तक में चिलचिलाते मौसम के बीच गत सप्ताह लू ने सबसे गर्म दिन के राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिए
- जलवायु परिवर्तन और नौकरियों का संकट
- संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट संस्था अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा जारी Working on Warmer Planet Report के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती गर्मी से 2030 तक वैश्विक स्तर पर काम के घंटों में 2.2 प्रतिशत की गिरावट होगी जो कि आठ करोड़ नौकरियों के बराबर है। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2.4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा
- जलवायु परिवर्तन क्या है –
- औद्योगिक क्रांति के बाद धरती का औसत तापमान साल दर साल बढ़ रहा है। IPCC की रिपोर्ट ने इससे पहली बार आगाह किया था और अब इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं। गर्मियां लंबी होती जा रही हैं और सर्दियां छोटी। ऐसा पूरी दुनिया में हो रहा है और प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति और प्रवृत्ति बढ़ चुकी है। ऐसा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की वजह से हो रहा है
- जलवायु परिवर्तन क्या है –
- अपनी बड़ी आबादी के कारण भारत पर इसका असर ज्यादा होगा। यहां काम के घंटों में 5.8 प्रतिशत की कमी आएगी जो 3.4 करोड़ नौकरियों के बराबर है
- बढ़ती गर्मी के कारण 2030 और 2050 के बीच दुनिया भर में प्रतिवर्ष 38000 अतिरिक्त मौतें होने की संभावना है
- कृषि और निर्माण क्षेत्र बढ़ती गर्मी के कारण बुरी तरह प्रभावित होंगे और ये दोनों क्षेत्र काम के घंटों का क्रमशः 60 और 19 प्रतिशत खो देंगे। परिवहन, पर्यटन, खेल और औद्योगिक क्षेत्र भी प्रभावित होंगे
- संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट संस्था अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा जारी Working on Warmer Planet Report के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती गर्मी से 2030 तक वैश्विक स्तर पर काम के घंटों में 2.2 प्रतिशत की गिरावट होगी जो कि आठ करोड़ नौकरियों के बराबर है। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2.4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा
- 1300 साल से जमीन पर नहीं रखा पैर
- चीन में निवास करने वाली टांका जनजाति
- इस जनजाति के लगभग 7000 लोग समुद्र में रहना पसंद करते हैं
- पानी ही इनकी दुनिया है और इन्होंने समुद्र में ही तैरता हुआ गांव बसा लिया है
- इन्हें जिप्सीज ऑफ द सी भी कहा जाता है
- करीब 700 ई़० से ये लोग समुद्र में ही रह रहे हैं और अपना पूरा जीवन पानी के घरों और मछलियों के शिकार में ही गुजार देते हैं
- ओरियन स्पेसक्राफ्ट के लिए अबॉर्ट सिस्टम का परीक्षण
- अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केप केनावरल में एयर फोर्स स्टेशन से ओरियन क्रू कैप्सूल के लिए अबॉर्ट सिस्टम का सफल परीक्षण
- एस्सेंट अबॉर्ट – 2 नामक मानवरहित फ्लाइट टेस्ट
- परीक्षण का उद्देश्य अंतरिक्ष में लेकर जा रहे रॉकेट के लांच के बाद विस्फोट या अन्य मुश्किल स्थिति में ओरियन कैप्सूल से अंतरिक्षयात्रियों का निष्कासन था
- ओरियन 2024 में अंतरिक्षयात्रियों को चंद्रमा पर लेकर जाएगा
- एंटीकोलिनर्जिक दवाओं से डिमेंशिया का खतरा
- एंटीकोलिनर्जिक दवाओं का प्रयोग डिप्रेशन से लेकर मिर्गी तक के इलाज में किया जाता है और खास तौर पर यह दवाएं बुजुर्गों को खाने की सलाह दी जाती है
- डिमेंशिया एक मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है
- इंग्लैंड की नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कैरोल कपलैंड के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से खुलासा
- विविध
- रोजगार के मामले में दिव्यांगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लक्ष्य के साथ नॉर्थ जोन एबिलिंपिक्स का 19वां संस्करण चार और पांच जुलाई को आयोजित किया जाएगा
- भारत में फिलहाल 27000 प्राकृतिक और 65000 मानव निर्मित छोटी–बड़ी lakes है जिनमें से ज्यादातर शहरीकरण के कारण प्रदूषण की मार झेल रही हैं
- नोटबंदी के बाद से देश में 19 प्रतिशत नकदी बढ़ी है। डिजिटलीकरण के प्रयासों के बावजूद वर्तमान में प्रचलन में मौजूद नोटों का मूल्य 21137.64 अरब रुपए हैं जबकि नोटबंदी से पहले 4 नवंबर 2016 को 17741 अरब रुपए के नोट प्रचलन में थे
साभार – दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 3 जुलाई 2019
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