- आपातकाल के 44 साल
- क्या कहता है भारत का संविधान
- अनुच्छेद 352 के तहत बाहरी आक्रमण अथवा आंतरिक अशांति के चलते देश में आपातकाल लगाया जा सकता है
- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद के लिखित आग्रह पर राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा करता है
- प्रस्ताव सदन के दोनों सदनों में रखा जाता है और एक महीने के अंदर पारित न होने पर यह प्रस्ताव गिर जाता है
- आपातकाल एक बार में 6 महीने के लिए लागू किया जा सकता है हालांकि बाद में इसकी अवधि अनिश्चितकाल के लिए हो सकती है
- आपातकाल की पटकथा
- राजनीतिक असंतोष – 1973–75 के दौरान इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ देश भर में राजनीतिक असंतोष उभरा। गुजरात के नवनिर्माण आंदोलन और जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति का इसमें बड़ा योगदान रहा।
- नवनिर्माण आंदोलन – आर्थिक संकट और सार्वजनिक जीवन में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ छात्रों और मध्य वर्ग के इस आंदोलन से गुजरात के मुख्यमंत्री चमनलाल को इस्तीफा देना पड़ा और केंद्र सरकार को राज्य विधानसभा भंग करके राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा
- संपूर्ण क्रांति – मार्च–अप्रैल 1974 में बिहार के छात्र आंदोलन को जयप्रकाश नारायण ने समर्थन दिया तथा पटना में संपूर्ण क्रांति का नारा देते हुए छात्रों, किसानों और श्रम संगठनों से अहिंसक तरीके से भारतीय समाज का रुपांतरण करने का आह्वान किया। एक महीने के बाद देश की सबसे बड़ी रेल यूनियन हड़ताल पर चली गई। इंदिरा सरकार ने इस आंदोलन को बड़ी बेरहमी से कुचला जिससे सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ गया। 1966 से सत्ता में बनी हुई इंदिरा सरकार के खिलाफ इस समय तक लोकसभा में 10 अविश्वास प्रस्ताव पेश किए गए
- 1971 के चुनाव में इंदिरा गांधी ने रायबरेली से सोशलिस्ट पार्टी के नेता राजनारायण को हरा दिया जो सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उनके निर्वाचन के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंच गए। शांतिभूषण ने उनका केस लड़ा और इंदिरा गांधी को व्यक्तिगत रुप से न्यायालय में पेश होना पड़ा। यह भारतीय इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री के न्यायालय में उपस्थित होने का पहला मामला था।
- 12 जून 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जगमोहनलाल सिन्हा ने अपने फैसले में इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैध ठहराया तथा उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी गई। इसके साथ ही उनके 6 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- 24 जून 1975 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति वी आर कृष्णा अय्यर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और उनसे प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के बावजूद संसद में वोट देने का अधिकार छीन लिया गया।
- सियासी बवंडर, भीषण राजनीतिक विरोध और कोर्ट के आदेश के बाद इंदिरा गांधी अलग–थलग पड़ गईं। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर रे ने उनको देश में आंतरिक आपातकाल लगाने की सलाह दी तथा तत्संबंधित मसौदा भी तैयार किया। इसे संजय गांधी प्रभाव के रुप में भी देखा जाता है।
- 25 जून 1975 को राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने संवैधानिक प्रावधानों के तहत आपातकाल की घोषणा कर दी और लोकतंत्र को निलंबित कर दिया। प्रधानमंत्री की सलाह पर वह हर 6 महीने में आपातकाल को 1977 तक बढ़ाते रहे
- राजनीतिक असंतोष – 1973–75 के दौरान इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ देश भर में राजनीतिक असंतोष उभरा। गुजरात के नवनिर्माण आंदोलन और जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति का इसमें बड़ा योगदान रहा।
- आपातकाल का असर
- 20 सूत्री कार्यक्रम – इंदिरा गांधी ने कृषि, औद्योगिक उत्पादन, जन सुविधाओं में सुधार, गरीबी और अशिक्षा से लड़ने के लिए 20 सूत्री कार्यक्रम की घोषणा की
- गिरफ्तारियां– विपक्ष के नेताओं को मीसा एक्ट (Maintenance of Internal Security Act) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया तथा तमिलनाडु में एम करुणानिधि सरकार को बर्खास्त कर दिया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत अनेकों राजनीतिक दलों को प्रतिबंधित कर दिया गया
- मीसा एक्ट – सुरक्षा एजेंसियों को असीमित शक्तियां प्रदान करने वाला 1971 में पारित एक विवादास्पद कानून जिसके तहत बिना वारंट लोगों को गिरफ्तार करके अनिश्चितकाल के लिए जेल में रखा जा सकता था
- नसबंदी कार्यक्रम – बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से शुरु किए गए स्वैच्छिक नसबंदी कार्यक्रम को जबरदस्ती लागू करते हुए अनेक अविवाहित लोगों को भी नसबंदी के लिए मजबूर किया गया तथा ऑटो रिक्शा चालकों के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए नसबंदी प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया। इस घटना के पीछे भी संजय गांधी की भूमिका मानी जाती है
- प्रेस पर पाबंदी – मीडिया सेसरशिप लागू कर दी गई तथा इसको लागू करने के लिए इंद्र कुमार गुजराल को हटाकर विद्याचरण शुक्ल को सूचना प्रसारण मंत्री बनाया गया
- कानून में परिवर्तन – सदन में दो तिहाई बहुमत का फायदा उठाकर इंदिरा गांधी सरकार ने कई कानूनों में बदलाव के साथ – साथ संविधान में भी संशोधन कर दिया। 42वां संविधान संशोधन इसी समय किया गया था
- 18 जनवरी 1977 को इंदिरा गांधी ने नए चुनाव की घोषणा करते हुए सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा कर दिया तथा 23 मार्च 1977 को आधिकारिक रुप से आपातकाल समाप्ति की घोषणा कर दी। मार्च में हुए लोकसभा चुनावों में इंदिरा गांधी और संजय गांधी दोनों चुनाव हार गए और उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला
- मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी भारी बहुमत से जीतकर सत्ता में आई
- क्या कहता है भारत का संविधान
- स्वच्छ – सुंदर शौचालय प्रतियोगिता में Jharkhand सबसे अव्वल
- जिलास्तरीय प्रतियोगिता में भी इसी राज्य के जिले गिरीडीह को प्रथम स्थान
- केंद्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा राज्य, जिला और व्यक्तिगत तौर पर स्वच्छ–सुंदर शौचालय प्रतियोगिता पूरे देश में 1 से लेकर 31 जनवरी 2019 तक आयोजित की गई थी
- वायु प्रदूषण से घटता जीवन
- पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था Centre for Science and Environment की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण भारत में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण बन गया है
- यह वायु में घुल रहे पीएम 2.5 कण, ओजोन एवं घर के भीतर के प्रदूषण का सामूहिक प्रभाव है। इस सामूहिक प्रभाव की वजह से भारत सहित दक्षिण एशिया के देशों में जीवन प्रत्याशा ढाई साल कम हो गई है
- वायु प्रदूषण से लडकों से ज्यादा लड़कियों को खतरा है तथा इसके कारण प्रति एक लाख बच्चियों में से 96 की पांच साल की आयु पूरी होने से पहले ही मृत्यु हो जाती है
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार देश में होने वाली मौतों में से 12.5 प्रतिशत का कारण वायु प्रदूषण ही है
- प्रदूषण से भार में 20 लाख लोगों की असमय मृत्यु हो जाती है जो पूरी दुनिया में प्रदूषण से होने वाली मौतों का एक चौथाई है
- देश में हर दसवां व्यक्ति अस्थमा का मरीज है
- पेयजल पर नीति आयोग की रिपोर्ट
- दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद सहित देश के 21 तक भूजल खत्म हो जाएगा तथा पानी के कारण करीब दस करोड़ लोग दिक्कत का सामना करेंगे। इसके अतिरिक्त वर्ष 2030 तक भारत की 40 प्रतिशत आबादी को पीने का पानी नहीं मिलेगा
- रिपोर्ट के अनुसार देश में 70 प्रतिशत पानी प्रदूषित है जिसके कारण अनेकों बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है
- केंद्र सरकार के अनुसार देश में हर साल प्रदूषित पानी पीने से दो लाख लोग मर जाते है
- स्कारलेट महोत्सव
- एक सप्ताह तक चलने वाले इस महोत्सव में पूरे रुस में स्नातक समारोह आयोजित किए जाते हैं
- प्राथमिक एवं उच्च शिक्षा विद्यालयों और अपनी सैन्य अकादमियों में शिक्षा सत्र के समापन पर यह उत्सव मनाया जाता है और आतिशबाजी की जाती है
- पक्षी गायन प्रतियोगिता
- सिंगापुर में अनोखी मेर्बोक गायन प्रतियोगिता
- अलग–अलग वर्गों में होने वाली इस प्रतियोगिता में मेर्बोक पक्षी को एक खंबे में पिंजरे में टांग दिया जाता है तथा निर्णायकों का एक पैनल कबूतरों की आवास सुनकर विजेता का निर्धारण करता है
- इस प्रतियोगिता के लिए केबिन बारु बर्ड सिंगिंग क्लब बना हुआ है
साभार – दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 25 जून 2019
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