- ईरान पर बड़े हमले से 10 मिनट पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बदला फैसला
- डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हमले का आदेश दे दिए जाने के बाद अमेरिकी लड़ाकू विमान उड़ान भर चुके थे, युद्धपोतों ने भी अपनी पोजीशन ले ली थी और मिसाइलें दागे जाने के लिए तैयार हो चुकी थीं
- उसी समय ट्रंप को बताया गया कि हमले में कम से कम 150 लोगों की जान जा सकती है और उन्होंने ईरान पर हमले का फैसला टाल दिया
- अमेरिका ने ड्रोन गिराने के मसले पर अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का अनुरोध किया है
- बालाकोट एयर स्ट्राइक का नाम – ऑपरेशन बंदर
- राज्यसभा में 32 साल से लटका है एक बिल
- उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सुझाव दिया है कि यदि कोई भी बिल राज्यसभा में पांच साल से ज्यादा समय से लंबित है तो उसे निष्प्रभावी माना जाना चाहिए।
- उन्होंने राज्यसभा में 32 साल से लंबित एक बिल का जिक्र भी किया
- उन्होंने कहा कि जो 33 बिल राज्यसभा में लंबित हैं उनमें 1987 का मेडिकल काउंसिल (संशोधन) बिल भी है तो राज्यसभा से पारित हो गया है किंतु लोकसभा से अभी तक पारित नहीं हो सका है
- क्या कहता है भारतीय संविधान –
- लोकसभा से पारित होकर राज्यसभा में आया कोई बिल यदि लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने तक राज्यसभा से पारित नहीं होता है तो उसे लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होते ही स्वयं निष्प्रभावी मान लिया जाता है
- सबसे पहले राज्यसभा से पारित कोई बिल तब तक राज्यसभा की संपत्ति बना रहता है जब तक कि वह लोकसभा से पारित नहीं हो जाता। यहां तक इस दौरान लोकसभा चाहे जितनी बार भंग हो चुकी हो, वह बिल प्रभावी बना रहता है
- 16वीं लोकसभा में लोक महत्व के करीब 22 बिल लोकसभा से पारित होकर राज्यसभा में आए थे लेकिन राज्यसभा में काम–काज न होने के चलते वे समय रहते पारित नहीं हो सके और 16वीं लोकसभा के भंग होते ही निष्प्रभावी हो गए
- तेलंगाना में विश्व की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना का लोकार्पण
- कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना
- जयशंकर–भूपलपल्ली जिले के मेडीगड्डा में स्थित
- विश्व की सबसे बड़ी बहुचरण और बहुउद्देशीय परियोजना
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव द्वारा लोकार्पण
- रिकॉर्ड तीन वर्ष के समय में पूरी
- तैयार करने में 80 हजार करोड़ की लागत
- तेलंगाना के लिए वरदान बताई जा रही इस परियोजना के जरिए हर साल 45 लाख एकड़ भूमि में दो फसलों की सिंचाई हो सकेगी
- इसके जरिए महत्वाकांक्षी भागीरथ पेयजल परियोजना को 40 TMC पानी उपलब्ध हो सकेगा
- ग्रेटर हैदराबाद के करीब एक करोड़ निवासियों को पीने का पानी मिलेगा तथा राज्य के सैकड़ों उद्योगों को भी 16 TMC पानी उपलब्ध होगा
- बिजली का उत्पादन भी हो सकेगा
- यह विश्व की एकमात्र ऐसी परियोजना है जो प्रतिदिन दो TMC पानी लिफ्ट कर सकती है
- इस परियोजना को 203 किमी लंबी सुरंग के जरिए पानी मुहैया कराया जाएगा
- पहली बार समुद्र तल से 92 मीटर की उंचाई पर स्थित गोदावरी नदी से 618 मीटर की उंचाई पर पानी लिफ्ट किया जा रहा है
- इस परियोजना के लिए तेलंगाना ने महाराष्ट्र के साथ वर्ष 2016 में agreement किया था तथा Megha Engineering and Infrastructure Limited ने इस परियोजना को मूर्त रुप दिया है
- इससे पहले अमेरिका की कोलोराडो और मिस्र की ग्रेट मैनमेड रिवर दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट परियोजनाएं थीं हालांकि इनकी लिफ्ट क्षमता कम थी और इन्हें बनाने में तीन दशक लगे थे
- कालाटोप अभयारण्य में कस्तूरी मृग की खुशबू
- हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भूरे भालू और हिम तेंदुए की मौजूदगी की खबर के बाद अपनी आकर्षक खूबसूरती और मनमोहक खुशबू के लिए प्रसिद्ध कस्तूरी मृग की उपस्थिति दर्ज की गई है
- कालाटोप खजियार वन्यजीव अभयारण्य में विभाग के DSLR कैमरे में गुरुवार को इस मृग की तस्वीर कैद हुई है
- कस्तूरी मृग (नर हिरण) के शरीर में एक पोटली होती है जिससे एक खुशबू निकलती है
- इसकी कस्तूरी का इत्र के अलावा अनेक औषधियों में इस्तेमाल होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लाखों में है
- इस मृग की नाभि में गाढ़ा तरल (कस्तूरी) होता है जिसमें मनमोहक खुशबू की धारा बहती है
- कस्तूरी केवल नर मृग में ही पाया जाता है
- DFO निशांत मंडोत्रा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के अनुसार कस्तूरी मृग लुप्तप्राय श्रेणी की प्रजाति है तथा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची एक में शामिल है
- इस वन्यजीव को उसकी कस्तूरी और मांस के लिए मारे जाने का खतरा है
- कस्तूरी मृग मुख्य रुप से दक्षिण एशिया के पहाड़ों में विशेष रुप से हिमालय के वनाच्छादित और अल्पाइन स्क्रब निवास में रहते हैं
- यूरोप में लगभग लुप्त हो चुकी यह प्रजाति अब सिर्फ एशिया में ही बची है
- इंडियाबुल्स हाउसिंग में लक्ष्मी विलास बैंक के विलय को मंजूरी
- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा मंजूरी
- विलय का उद्देश्य अधिक पूंजी आधार और व्यापक भौगोलिक पहुंच वाला उद्यम बनाना
- विलय प्रस्ताव के तहत बैंक के शेयरधारकों को प्रति 100 शेयर के बदले इंडियाबुल्स के 14 शेयर मिलेंगे
- संयुक्त उपक्रम में कर्मचारियों की संख्या 14302 होगी और 2018–19 के पहले नौ महीने की अवधि में उसका दिया गया कर्ज 1.23 लाख करोड़ रुपए होगा
- सौर हवाएँ और Space weather
- पृथ्वी पर चलने वाले हवाओं की तरह ही सूर्य पर भी हवाएं चलती हैं हालांकि इनकी गति पृथ्वी की हवाओं की तुलना में अत्यधिक तीव्र होती है। इन हवाओं को सौर हवाएं कहते हैं
- ये सौर हवाएं अपने साथ प्लाज्मा की बौछार करते हुए आगे बढ़ती हैं
- प्लाज्मा मुख्य रुप से प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन से मिलकर बना होता है जिसके एक कण की उर्जा लगभग एक किलो इलेक्ट्रॉन बोल्ट तक हो सकती है
- ये सौर हवाएं radiation के फैलाव के साथ एक प्रणाली विकसित करती हैं जिसे space weather या अंतरिक्ष का मौसम कहा जाता है
- हेलियोस्फीयर
- सूर्य से लाखों मील प्रति घंटे की वेग से चलने वाली हवाएं सौरमंडल के आसपास सुरक्षात्मक बुलबुलों का निर्माण करती हैं जिसे हेलियोस्फीयर कहा जाता है
साभार – दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 22 जून 2019
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