- ओम बिड़ला – नए लोकसभाध्यक्ष
- राजस्थान के कोटा से दूसरी बार सांसद
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके नाम का प्रस्ताव और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा समर्थन
- विरोध में कोई भी नामांकन नहीं और इस प्रकार उनका निर्वाचन सर्वसम्मति से ध्वनिमत से सदन द्वारा पारित
- संविधान के अनुच्छेद 93 में नवनिर्वाचित सदस्यों द्वारा लोकसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के निर्वाचन का प्रावधान
- लोकसभाध्यक्ष को स्पीकर क्यों कहते हैं–
- ब्रिटेन में जब House of Commons विधि निर्माता निकाय न होकर याचिका प्रस्तुत करने वाला निकाय होता था तब अध्यक्ष का मुख्य कार्य वाद–विवाद के अंत में दोनों पक्षों के तर्कों का निष्कर्ष निकालना और सदन के विचार Crown के समक्ष प्रस्तुत करना हुआ करता था। इस प्रकार वह सम्राट के समक्ष House of Commons का प्रवक्ता या स्पीकर हुआ करता था और यही नामकरण आज भी प्रचलित है।
- ब्रिटेन में स्पीकर चयनित होने के बाद संबंधित व्यक्ति को अपनी पार्टी से इस्तीफा देना पड़ता है। वह आम चुनावों में भी निर्दलीय ही लड़ते हैं और कोई भी दल उनके सम्मान में अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करता है अर्थात स्पीकर आम चुनाव भी निर्विरोध जीतते हैं
- ब्रिटेन में जब House of Commons विधि निर्माता निकाय न होकर याचिका प्रस्तुत करने वाला निकाय होता था तब अध्यक्ष का मुख्य कार्य वाद–विवाद के अंत में दोनों पक्षों के तर्कों का निष्कर्ष निकालना और सदन के विचार Crown के समक्ष प्रस्तुत करना हुआ करता था। इस प्रकार वह सम्राट के समक्ष House of Commons का प्रवक्ता या स्पीकर हुआ करता था और यही नामकरण आज भी प्रचलित है।
- Order of Precedence में उनका स्थान राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बाद आता है अर्थात प्रधानमंत्री के अतिरिक्त अन्य सभी मंत्री उनसे नीचे पदस्थापित हैं
- लोकसभाध्यक्ष का वेतन भारत की संचित निधि पर भारित है अर्थात उसके लिए संसद की स्वीकृति आवश्यक नहीं है
- उनके आचरण पर मूल प्रस्ताव के बिना चर्चा संभव नहीं है
- लोकसभाध्यक्ष का मताधिकार –
- सामान्य परिस्थिति में मत नहीं देते लेकिन बराबर मत होने की दशा में उनका मत निर्णायक होता है।
- पहली बार मत न देने का कारण उनकी निष्पक्ष स्थिति होती है।
- निर्णायक मत का का अधिकार गतिरोध समाप्त करने के उद्देश्य से दिया गया है जो सुस्थापित संसदीय सिद्धांतों और प्रथाओं के अनुरुप है
- लोकसभाध्यक्ष के अधिकार –
- लोकसभा के भीतर व्यवस्था बनाए रखने और नियमों के निर्वहन के मामले में अंतिम शक्ति
- संविधान के अनुच्छेद 122 के अनुसार सदन की प्रक्रिया विनियमित करने या सदन में व्यवस्था बनाए रखने में लोकसभाध्यक्ष का आचरण न्यायालयीय समीक्षा के अधीन नहीं होगा
- संवधिान के अनुच्छेद 118(4) के अनुसार संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता भी लोकसभाध्यक्ष द्वारा
- किसी विधेयक को धन विधेयक का दर्जा देने के बारे में अंतिम निर्णय का अधिकार
- सदन के भीतर संसदीय मामलों में अंतिम निर्णय का अधिकार
- निश्चित उपबंध के अभाव में किसी मामले में निर्देश देने का अधिकार
- विशेषाधिकार भंग या सदन की अवमानना से संबंधित या किसी सदस्य के आचरण के संबंध में जांच पड़ताल का अधिकार
- लोकसभा की सारी संसदीय समितियों का गठन, नियंत्रण और सभापतियों की नियुक्ति का अधिकार
- लोकसभा के भीतर व्यवस्था बनाए रखने और नियमों के निर्वहन के मामले में अंतिम शक्ति
- भारत में स्पीकर की स्थिति इंग्लैंड और अमेरिका के बीच वाली है
- भारत में स्पीकर ब्रिटेन की तरह अपने राजनीतिक दल से संबंध नहीं तोड़ता और न ही अमेरिकी House of Representatives की तरह अपने दल के लिए पक्षपात करता है
- बांग्लादेश और दक्षिण कोरिया में भी होगा डीडी इंडिया का प्रसारण
- एक agreement के तहत डीडी इंडिया का प्रसारण इन दोनों देशों में किया जाएगा जबकि उन देशों के एक –एक चैनल का प्रसारण डीडी फ्री डिश के माध्यम से किया जाएगा
- बांग्लादेश – बीटीवी वर्ल्ड
- दक्षिण कोरिया – केबीएस वर्ल्ड (अंग्रेजी चैनल)
- इस संबंध में हुए agreements को सरकार की मंजूरी मिल चुकी है
- एक agreement के तहत डीडी इंडिया का प्रसारण इन दोनों देशों में किया जाएगा जबकि उन देशों के एक –एक चैनल का प्रसारण डीडी फ्री डिश के माध्यम से किया जाएगा
- वैज्ञानिकों द्वारा वर्ष की गणना की प्रक्रिया
- 1976 में पेरिस स्थित International Astronomical Union (IAU) ने अंतरिक्ष विज्ञान के लिए दिन की परिभाषा तय करने का फैसला लिया जिसके अनुसार 86400 सेकंड की अवधि को एक दिन माना गया
- इसी आधार पर IAU ने 365.25 दिन यानी 3.15576 करोड़ second की अवधि को वर्ष का पैमाना माना
- इस प्रकार वैज्ञानिकों का गणना वर्ष आम कैलेंडर वर्ष से अलग होता है
- इसमें लीप वर्ष जैसी गणना नहीं होती बल्कि हर साल के दिन समान होते हैं
- इसमें दो वर्ष 10 दिन का मतलब कुल 740.50 दिन होता है
- सेकंड की परिभाषा
- International System of Units द्वारा सीजियम–133 के आधार पर सेकंड की परिभाषा तय की गई है
- एक सेकंड वह अवधि है जिसमें सीजियम–133 के एक स्थिर समस्थानिक (Isotope) में होने वाली विशेष प्रक्रिया के कुल 9,19,26,31,770 चक्र पूरे हो जाते हैं
- International System of Units द्वारा सीजियम–133 के आधार पर सेकंड की परिभाषा तय की गई है
- सौरमंडल के बाहर पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज
- दक्षिणी स्पेन के अलमेरिया स्थित कैलार ऑल्टो ऑब्जर्वेटरी के वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के बाहर दो ऐसे ग्रहों की खोज की है जो पृथ्वी जैसे ही गर्म हैं और माना जा रहा है कि उन पर पानी हो सकता है और ये ग्रह जीवन के लिए उपयुक्त हो सकते हैं
- वैज्ञानिक 2016 के बाद से ही टेलिस्कोप के जरिए तारों के पास मौजूद ग्रहों पर जीवन की संभावनाएं तलाश रहे हैं
- शोधकर्ताओं के अनुसार हमारे सौरमंडल से लगभग 12.5 प्रकाश वर्ष की दूरी पर टीगार्डन स्टार मिला है जो एक ठंडा लाल बौना तारा है
- शोध की सह–लेखक इग्नासी रेबास के अनुसार टीगार्डन हमारे सूरज के द्रव्यमान का केवल आठ प्रतिशत है तथा सूर्य की तुलना में बहुत छोटा और बेहद कम चमकीला है
- यह सूर्य से 10 गुना छोटा और 1500 गुना कमजोर है तथा ज्यादातर infrared waves का विकिरण करता है
- इस तारे का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने डॉप्लर तकनीक का प्रयोग किया जिसके माध्यम से किसी तारे के आसपास के ग्रहों का पता लगाने के लिए तारे के त्रिज्या–वेग माप का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया से दो ग्रहों टीगार्डन बी और टीगार्डन सी की पहचान हुई है
- टीगार्डन बी का द्रव्यमान पृथ्वी के समान ही है और परिक्रमण काल 4 से 5 दिन का है जबकि दूसरे ग्रह का परिक्रमण काल 10 से 12 दिन का है
- यह तारे के बेहद नजदीक होने के कारण उर्जा की अधिक मात्रा प्राप्त करता है और इसलिए अत्यंत गर्म है हालांकि जीवन की संभावनाओं पर विश्लेषण के बाद ही पूरी तरह से पता चल सकेगा
- अभी तक वैज्ञानिकों का मानना था कि प्रोक्सिमा सेंचुरी पृथ्वी के सबसे निकट का ग्रह है और वहां जीवन संभव हो सकता है
साभार – दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) दिनांक 20 जून 2019
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