
Life : 🐦 Birds or boat ⛵
प्रयागराज में अपने कुंभ भ्रमण के दौरान त्रिवेणी संगम के पावन तट पर दर्शनीय यह दृश्य कहीं न कहीं जीवन की एक सच्चाई से कम नहीं है।
हम सब अपने आसपास मौजूद विभिन्न लालसाओं के वशीभूत अपने जीवन की नाव की पतवार अक्सर किसी नाविक को सौंप बैठते हैं और चुपचाप आसपास मंडराते मनोरम पक्षियों के सौन्दर्य में खोकर यह भूल जाते हैं कि हमारे जीवन रूपी नैया का किनारा अभी बहुत दूर है और उसके खेवनहार की विश्वसनीयता भी संदेहास्पद ही है। हमारी हालत नाव में बैठे उन यात्रियों जैसी ही होती है जो खुद कुछ भी नहीं कर सकते लेकिन जब नाव हिचकोले खाती है तो सबसे पहले नाविक को कोसने का काम भी वही करते हैं।
अब फैसला हम सबको करना है कि हमारी प्राथमिकता जीवन की नाव होनी चाहिए या आसपास मंडराते पछियों का क्षणिक सौन्दर्य।
तब तक आइए आनंद लें संगम की इस मनोहर छटा का 😊